Friday, August 5, 2016

दुनिया मे कोई भी निर्णय लेना कितना मुश्किल है उससे पूछिये जो रोज इससे दो चार होते हैं। ये करूँ या वो करूँ क्या करूँ क्या ना करूँ जैसे तमाम सवाल आते रहते हैं मन में और शायद यही कारण है की प्रायिकता से लेकर ऑपरेशनल रिसर्च तक के तमाम सिद्धान्त पढाये जाते हैं सिर्फ निर्णय लेने के लिए। फिर भी सटीक निर्णय लेना इतना आसान नही है वैसे निर्णय लेना एक सतत प्रक्रिया है। जिसमे हर निर्णय आगे वाले निर्णय का आधार होता है पर अगर हम गलत निर्णय की बात करे तो कोई निर्णय गलत नही होता। जी सही पढ़ा आपने कोई गलत निर्णय जैसी चीज इस दुनिया में अस्तित्व में नही है। बस आपकी क्षमताएं उस निर्णय को सही साबित करने के लिए अपर्याप्त हैं और हाँ परिस्थितयां भी जिम्मेदार हैं उसे अंतिम मुकाम तक पहुँचाने में। तो वास्तव में क्षमताओं का सही आकलन, परिस्थितयों के प्रभाव का सही विश्लेषण आपके निर्णय को सटीक साबित कर पायेगा।
आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही होने या गलत होने के अलग प्रभाव हैं जैसे किसी निर्णय के सही होने से उसके द्वारा होने वाला अधिकतम या न्यूनतम फायदा वैसे ही गलत होने से अधिकतम या न्यूनतम नुकसान का अध्ययन
क्रमशः
अभिनव कुमार तिवारी

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