Friday, July 15, 2016

चुनाव बीतते ही आ जाता हूँ
 अपनी औकात पर,
मैं कोई और नहीं
 आम आदमी हूँ,
 जो रहता हूँ
 हर चुनावी बिसात पर।
हर नेता
 कोशिश करते है की,
 सुधरे जाये हालात मेरे
पर एक मैं हूँ,
 जो की काबिज रहता हूँ
 अपनी जात पर।
रहता हूँ इस आस में
 की सुधरेंगे हालात मेरे,
 पर देख के हकीकते
 इस मुल्क के,
नहीं लगता रहूं
 किसी के आस पर।
अभिनव कुमार तिवारी 'अभि'

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