Friday, February 19, 2016

मै तकनीकी में इतना पिछड़ा हुआ हूँ की आज के इस ओ एस वाले फ़ोन के जमाने में मै नोकिया १६१६ चला रहा हूँ| मुझे थोड़ी सी आशा है की आप हमारी इस मनोदशा को समझ रहे होंगे ,
और इसके लिए मै सरकार से आरक्षण और वित्त पोषण की की मांग करता हूँ|
मुझे उम्मीद है आप लोग इसमें मेरा साथ देंगे और मेरी बातो को सरकार तक पहुचाएंगे
मजाक लग रहा है
आखिर भारत में होता क्या है जिसको मन में आया बन जाता है शनि देव, सारी व्यवस्था पर नजरे टेढ़ी कर देता है भाई आरक्षण चाहिए
अपनी क़ाबलियत बढ़ाने से ये बेहतर तरीका जो ठहरा बइठे ठाले एक आध पटरी उखाड़ देंगे दो चार ट्रैन फूंक देंगे सरकार आज नही तो कल घुटने पर आ ही जाएगी |
और हमारी क़ाबलियत से इतर हमें कुछ आरक्षण का प्रसाद चढ़ावे में दे ही देगी
अब इसमें आग में घी डालती एक अमेरकी विश्वविद्यालय की एक रिपोर्ट (शायद हार्वर्ड )
आरक्षण से रेलवे की सेवा गुणवत्ता में कोई फर्क नही पड़ा है|
भई अब सवाल ये है की सर्विस रेलवे देती है उ सर्विस है| भाई गलती से पाकिस्तान छोड़ के किसी और ढंग के देश के रेलवे देखने की बाद से पता चलता है की अभी तो हम लालू जी द्वारा डिफइंड टमटम वाला युग में ही है |अब स्पेन जैसा देस भी हमे सेमी स्पीड ट्रैन बेच रहा है
आप लोग को लग रहा होगा की हम आरक्षण के विराध में है अरे गलती से भी मत सोचियेगा मेरे कहने का मतलब कुल मिला जुला के है की क़ाबलियत बढ़ा के आ आरक्षण खत्म करना है
नहीं तो दिन दूर नही है जब हमे मेक इन इंडिया वाला सामान भी किसी दूसरे देश से आएगा
 अभिनव कुमार तिवारी 'अभि'
वैसे कायदे से ये पोल खोल योजना है वो भी अपनी 
पर बता ही देता हूँ इंजीनियरिंग की प्रेकिटकल परीक्षा हम लोग कैसे निकलते थे वो भी तब जब हमने एक भी प्रेकिटकल न किया हो और पढाई के नाम पर पूरी नौटंकी हुई हो 
ये ब्रह्मास्त्र विधि थी और अंतिम भी जिसे हम आजमाया करते थे होता ये था की हम कोई एक टॉपिक खूब धुआधार पढ़ लेते थे मतलब उसपर आप कुछ भी पूछ लो बता देंगे और जब वाईबा शुरू होता था तो एक्जामिनर एक सवाल पूछे 
जवाब सॉरी सर 
दूसरा सवाल सॉरी सर 
तीसरा सवाल जवाब रिमेन कांस्टेंट
और तब तक जब तक की आजिज आके वो ये न पूछ दे की तुमको क्या आता है
बस इसी वक्त का हमे इंतजार होता और फटाक से वो टॉपिक पटक देते जो एकदम पी के आये होते
और फिर उसपर
एक छोटा सा सवाल करता( उसे उम्मीद नही होती जवाब की ) जवाब हाजिर
थोड़े आश्चर्य के साथ कठिन सवाल उस टॉपिक पर और फिर जवाब हाजिर
उसके बाद तो एक्जामिनर खुश और बढ़िया नंबर आपके खाते में
कुछ इसी तरह आज कल 

देश के विरोधियो के साथ खड़े है
अरे नाम तो हो रहा है लोग हमारे बारे में सुन तो रहे है फिर एक ही बार कोई ऐसा देशभक्ति वाला जवाब देंगे की सब दंग और अच्छी खासी सीट हमारे खाते में
क्युकी हम बहुत बड़े भूल्ल्कड़ है एक्जामिनर जो है